❤श्री ब्रजचन्द्र❤

 
❤श्री ब्रजचन्द्र❤
Este carimbo foi usado 2 vezes
बासरी बजाय आज रंगसो मुरारी । शिव समाधि भूलि गयी मुनि मनकी तारी ॥ बा०॥ध्रु०॥ बेद भनत ब्रह्मा भुले भूले ब्रह्मचरी । सुनत ही आनंद भयो लगी है करारी ॥ बास०॥१॥ रंभा सब ताल चूकी भूमी नृत्य कारी । यमुना जल उलटी बहे सुधि ना सम्हारी ॥ बा०॥२॥ श्रीवृंदावन बन्सी बजी तीन लोक प्यारी । ग्वाल बाल मगन भयी व्रजकी सब नारी ॥ बा०॥३॥ सुंदर श्याम मोहन मुरती नटबर वपुधारी । सूरकिशोर मदन मोहन चरण कमल बलिहारी ॥ बास०॥४॥
Palavras-chave:
 
shwetashweta
carregado por: shwetashweta

Avaliar esta fotografia:

  • Atualmente 5.0/5 estrelas.
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5

2 Votos.